इंदिरा बंकिमचन्द्र का एक अत्यंत लोकप्रिय उपन्यास है। इसमें सुहाग से बिछुड़ी एक नवयौवना की व्यथा भरी कथा है। नारी के जिस पक्ष का चित्रण यहाँ हुआ है, वह अद्वितीय है। इसके अनुवादक श्रीरामनाथ सुमन ने इसे इस शैली में अनुवाद किया है कि पाठक को यह उपन्यास मूलत: हिंदी भाषा में लिखा गया ही प्रतीत होता है।
पाठक का मनोरंजन करने के अलावा, यह उपन्यास पाठक को उस समय के दौरान बंगाल समाज के सामाजिक मानदंडों और परंपराओं के बारे में अद्भुत जानकारी भी देती है, जब किताब लिखी गई थी; प्यार और रिश्तों के बारे में और जिस तरह से समाज उन्हें आकार देता है, यह सब इस उपन्यास में उकेरा गया है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2025
ISBN: 9780143473510
Length : 112 Pages
MRP : ₹175.00