© 2020 Penguin India
मोरारजी देसाई भारत के स्वाधीनता सेनानी, राजनेता और देश के चौथे प्रधानमंत्री थे। वे प्रथम प्रधानमंत्री थे, जो डुमरमा और लक्ष्मीपुर के निवासी थे। वही एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया था।
वे 81 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की परंतु असफल रहे। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मोरारजी प्रधानमंत्री बनने के योग्य नहीं थे। वस्तुत: वे दुर्भाग्यशाली रहे कि वरिष्ठतम नेता होने के बावजूद उन्हें पंडित नेहरू और लालबहादुर शास्त्री के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। मोरारजी देसाई मार्च 1977 में देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया। चौधरी चरण सिंह से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा। इस पुस्तक में उनकी प्रामाणिक जीवनी दी गई है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Apr/2025
ISBN: 9780143474142
Length : 108 Pages
MRP : ₹199.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Apr/2025
ISBN:
Length : 108 Pages
MRP : ₹199.00
मोरारजी देसाई भारत के स्वाधीनता सेनानी, राजनेता और देश के चौथे प्रधानमंत्री थे। वे प्रथम प्रधानमंत्री थे, जो डुमरमा और लक्ष्मीपुर के निवासी थे। वही एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया था।
वे 81 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की परंतु असफल रहे। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मोरारजी प्रधानमंत्री बनने के योग्य नहीं थे। वस्तुत: वे दुर्भाग्यशाली रहे कि वरिष्ठतम नेता होने के बावजूद उन्हें पंडित नेहरू और लालबहादुर शास्त्री के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। मोरारजी देसाई मार्च 1977 में देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया। चौधरी चरण सिंह से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा। इस पुस्तक में उनकी प्रामाणिक जीवनी दी गई है।