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सच्चिदानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ को प्रतिभा-सम्पन्न कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य के कुशल चितेरे, ललित-निबंधकार, संपादक और सफल अध्यापक के रूप में जाना जाता है। उनकी यह कृति निसंदेह गद्य साहित्य को एक नया मोड़ प्रदान करती है। हिंदी कहानी और गद्य साहित्य को आधुनिकता की दिशा में एक नया और स्थायी पड़ाव देने का श्रेय भी ‘अज्ञेय’ को प्राप्त है। इस पुस्तक में दिए गए निबंधों को पढ़कर आभास होता है कि निस्संदेह वे आधुनिक साहित्य के एक शलाका-पुरुष थे, जिसने हिंदी साहित्य में भारतेंदु के बाद एक-दूसरे आधुनिक युग का प्रवर्तन किया। यह पुस्तक आम पाठकों के साथ-साथ हिंदी साहित्य के शोधार्थियों और सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए एक उत्कृष्ट रचना है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Oct/2024
ISBN: 9780143471417
Length : 176 Pages
MRP : ₹299.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
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Imprint: Penguin Swadesh
Published: Oct/2024
ISBN:
Length : 176 Pages
MRP : ₹299.00
सच्चिदानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ को प्रतिभा-सम्पन्न कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य के कुशल चितेरे, ललित-निबंधकार, संपादक और सफल अध्यापक के रूप में जाना जाता है। उनकी यह कृति निसंदेह गद्य साहित्य को एक नया मोड़ प्रदान करती है। हिंदी कहानी और गद्य साहित्य को आधुनिकता की दिशा में एक नया और स्थायी पड़ाव देने का श्रेय भी ‘अज्ञेय’ को प्राप्त है। इस पुस्तक में दिए गए निबंधों को पढ़कर आभास होता है कि निस्संदेह वे आधुनिक साहित्य के एक शलाका-पुरुष थे, जिसने हिंदी साहित्य में भारतेंदु के बाद एक-दूसरे आधुनिक युग का प्रवर्तन किया। यह पुस्तक आम पाठकों के साथ-साथ हिंदी साहित्य के शोधार्थियों और सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए एक उत्कृष्ट रचना है।