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इस ऐतिहासिक उपन्यास की कथा महाराष्ट्र के अतीत से संबंधित है, जो अपने आंचल में उस समय के देशप्रेम, शौर्य, साहस और रक्षा-कौशल के प्रसंग समेटे हुए है।
उपन्यास का आरंभ भयानक अँधेरी रात, जंगल का सन्नाटा और नंगी तलवारों के साये में खून से लथपथ तानाजी से होता है; तथा अंत तोपों की गर्जन के साथ सिंहगढ़ के किले पर भगवा ध्वज फहराने व लाशों के ढेर से उनकी कंचन-काया को निकलने से होता है।
उपन्यास में कौतूहल अंत तक बना रहता है और हमारी आँखों के सामने अतीत अपने उज्ज्वल रूप में, चलचित्र की भाँति सरकता चला जाता है . . . मनुष्य के संकल्प। सजगता, दृढ़ता और कर्तव्यपरायणता का एक भव्य चित्र है चट्टान।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Aug/2024
ISBN: 9780143470748
Length : 176 Pages
MRP : ₹199.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
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Imprint: Penguin Swadesh
Published: Aug/2024
ISBN:
Length : 176 Pages
MRP : ₹199.00
इस ऐतिहासिक उपन्यास की कथा महाराष्ट्र के अतीत से संबंधित है, जो अपने आंचल में उस समय के देशप्रेम, शौर्य, साहस और रक्षा-कौशल के प्रसंग समेटे हुए है।
उपन्यास का आरंभ भयानक अँधेरी रात, जंगल का सन्नाटा और नंगी तलवारों के साये में खून से लथपथ तानाजी से होता है; तथा अंत तोपों की गर्जन के साथ सिंहगढ़ के किले पर भगवा ध्वज फहराने व लाशों के ढेर से उनकी कंचन-काया को निकलने से होता है।
उपन्यास में कौतूहल अंत तक बना रहता है और हमारी आँखों के सामने अतीत अपने उज्ज्वल रूप में, चलचित्र की भाँति सरकता चला जाता है . . . मनुष्य के संकल्प। सजगता, दृढ़ता और कर्तव्यपरायणता का एक भव्य चित्र है चट्टान।
आचार्य चतुरसेन शास्त्री हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। इनकी प्रमुख कृतियां गोली, सोमनाथ, वयं रक्षामः और वैशाली की नगरवधू इत्यादि हैं। आभा इनकी पहली रचना थी। इनके अतिरिक्त शास्त्रीजी ने प्रौढ़ शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म, इतिहास, संस्कृति और नैतिक शिक्षा पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं।