प्रथम स्वाधीनता संग्राम में, अंग्रेज़ों की सत्ता उलटने के लिए, पूरे देश में जागृति की एक प्रबल लहर दौड़ गई। शत्रुओं को भारतीय शूरों की वीरता व देशभक्ति का लोहा मानना पड़ा — वे उनके नाम से कांपत थे, पर फिर क्या कारण थे कि राष्ट्रीय शक्तियों को अंग्रेजों के सामने पराजय का मुँह देखना पड़ा? इस उपन्यास में मुख्यतया दिल्ली, झांसी और कानपुर के आजादी पाने के संघर्षों का मर्मस्पर्शी चित्रण है।
Imprint: Hind Pocket Books
Published: Aug/2023
ISBN: 9780143462101
Length : 208 Pages
MRP : ₹199.00