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Fanishwarnath Renu/फणीश्वरनाथ रेणु

Fanishwarnath Renu/फणीश्वरनाथ रेणु

Renu Ke Katha-Sansar Ka Mulyankan/रेणु के कथा-संसार का मूल्यांकन

Dakshineshwar Prasad Rai/दक्षिणेश्वर प्रसाद राय
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Paperback / Hardback

हिंदी साहित्य जगत के तमाम साहित्यकार एकमत हैं कि ‘रेणु’ जी ने हिंदी उपन्यास साहित्य में आंचलिकता की एक नई धारा को जन्म दिया, जिसके कारण वे दुनियाभर में लोकप्रिय हो गए।
डॉ. सियाराम तिवारी, डॉ. विजेंद्र नारायण सिंह, डॉ. श्यामसुन्दर घोष, डॉ. विष्णुदत्त राकेश, निशिकांत ठकार, कर्मेंदु शिशिर, कृष्ण कमलेश, डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित, बैजनाथ राय, डॉ. सिंधू भिंगारकर ‘सरिता’, सुश्री मंजुरानी सिंह, डॉ. जवाहर सिंह, डॉ. युगेश्वर इत्यादि विद्वानों और कलमकारों ने इस कृति में ‘रेणु’ जी के जीवन और साहित्य साधना का अपनी उद्गारपूर्ण समीक्षाओं के माध्यम से मूल्यांकन किया है। इसलिए यह कृति हिंदी साहित्य के शोधार्थियों, शिक्षकों, छात्रों के साथ-साथ आम पाठकों के लिए भी अनुकरणीय और अत्यंत पठनीय है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में ‘रेणु’ के साहित्य से संबद्ध प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। 12वीं, बीए, एमए, भारतीय प्रशासनिक सेवा, राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा, आरईईटी, यूजीसी नेट, और नेट परीक्षा इत्यादि की तैयारी के लिए यह पुस्तक किसी वरदान से कम नहीं।
यूपीएससी मेन्स की हिंदी साहित्य परीक्षा में गत बीस सालों में मैला आंचल एवं ‘रेणु’ के साहित्य को लेकर पूछे गए प्रश्नों को भी इस संकलन में दिया गया है, जिनके जवाब न केवल इस पुस्तक में आसानी से मिल जाते हैं, वरन आगामी वर्षों में होने वाली परीक्षाओं में आने वाले संभावित प्रश्नों और उनके उत्तरों की यह पुस्तक एक अनमोल कुंजी है।

Imprint: Penguin Swadesh

Published: May/2025

ISBN: 9780143471356

Length : 256 Pages

MRP : ₹299.00

Fanishwarnath Renu/फणीश्वरनाथ रेणु

Renu Ke Katha-Sansar Ka Mulyankan/रेणु के कथा-संसार का मूल्यांकन

Dakshineshwar Prasad Rai/दक्षिणेश्वर प्रसाद राय

हिंदी साहित्य जगत के तमाम साहित्यकार एकमत हैं कि ‘रेणु’ जी ने हिंदी उपन्यास साहित्य में आंचलिकता की एक नई धारा को जन्म दिया, जिसके कारण वे दुनियाभर में लोकप्रिय हो गए।
डॉ. सियाराम तिवारी, डॉ. विजेंद्र नारायण सिंह, डॉ. श्यामसुन्दर घोष, डॉ. विष्णुदत्त राकेश, निशिकांत ठकार, कर्मेंदु शिशिर, कृष्ण कमलेश, डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित, बैजनाथ राय, डॉ. सिंधू भिंगारकर ‘सरिता’, सुश्री मंजुरानी सिंह, डॉ. जवाहर सिंह, डॉ. युगेश्वर इत्यादि विद्वानों और कलमकारों ने इस कृति में ‘रेणु’ जी के जीवन और साहित्य साधना का अपनी उद्गारपूर्ण समीक्षाओं के माध्यम से मूल्यांकन किया है। इसलिए यह कृति हिंदी साहित्य के शोधार्थियों, शिक्षकों, छात्रों के साथ-साथ आम पाठकों के लिए भी अनुकरणीय और अत्यंत पठनीय है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में ‘रेणु’ के साहित्य से संबद्ध प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। 12वीं, बीए, एमए, भारतीय प्रशासनिक सेवा, राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा, आरईईटी, यूजीसी नेट, और नेट परीक्षा इत्यादि की तैयारी के लिए यह पुस्तक किसी वरदान से कम नहीं।
यूपीएससी मेन्स की हिंदी साहित्य परीक्षा में गत बीस सालों में मैला आंचल एवं ‘रेणु’ के साहित्य को लेकर पूछे गए प्रश्नों को भी इस संकलन में दिया गया है, जिनके जवाब न केवल इस पुस्तक में आसानी से मिल जाते हैं, वरन आगामी वर्षों में होने वाली परीक्षाओं में आने वाले संभावित प्रश्नों और उनके उत्तरों की यह पुस्तक एक अनमोल कुंजी है।

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