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साहित्य दृष्टि से ‘गांधी-वध और मैं’ जीवनी,आत्मकथा तथा संस्मरण विधाओं का संगम है। गांधी वध करनेवाले नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे ने इसे लिखा है। इतिहास की दृष्टि से यह पुस्तक कांग्रेस, गांधी और भारत-विभाजन का ऐतिहासिक विवरण प्रस्तुत करती है। इतिहास की सच्चाई को प्रकट करती है। भारत में प्रचारित झूठे तथा मनगढंत तथ्यों को उजागर करती है।
गांधी जी की हत्या से जुड़ी तमाम रोमांचक बातें इस पुस्तक में दी गई हैं, जिन्हें पढ़कर गांधीजी से घृणा भी की जा सकती है और इसे इस रूप में भी देखा जा सकता है कि. . . प्रार्थना के लिए जाते समय गोडसे की तीन गोलियों ने गांधीजी को नहीं रोका. . . बल्कि गांधीजी ने ही उन तीन गोलियों को रोका, ताकि वे और न फैलें, किसी और पर न पड़ें और घृणा का उसी क्षण अंत हो जाए!
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2025
ISBN: 9780143471516
Length : 344 Pages
MRP : ₹399.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
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Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2025
ISBN:
Length : 344 Pages
MRP : ₹399.00
साहित्य दृष्टि से ‘गांधी-वध और मैं’ जीवनी,आत्मकथा तथा संस्मरण विधाओं का संगम है। गांधी वध करनेवाले नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे ने इसे लिखा है। इतिहास की दृष्टि से यह पुस्तक कांग्रेस, गांधी और भारत-विभाजन का ऐतिहासिक विवरण प्रस्तुत करती है। इतिहास की सच्चाई को प्रकट करती है। भारत में प्रचारित झूठे तथा मनगढंत तथ्यों को उजागर करती है।
गांधी जी की हत्या से जुड़ी तमाम रोमांचक बातें इस पुस्तक में दी गई हैं, जिन्हें पढ़कर गांधीजी से घृणा भी की जा सकती है और इसे इस रूप में भी देखा जा सकता है कि. . . प्रार्थना के लिए जाते समय गोडसे की तीन गोलियों ने गांधीजी को नहीं रोका. . . बल्कि गांधीजी ने ही उन तीन गोलियों को रोका, ताकि वे और न फैलें, किसी और पर न पड़ें और घृणा का उसी क्षण अंत हो जाए!