हृदय की परख आचार्य चतुरसेन का एक उत्कृष्ट सामाजिक उपन्यास है, इसमें एक रहस्यमयी नवयुवती की मार्मिक जीवन-गाथा है, जो समाज के लिए दर्पण है। किसी मनुष्य के हृदय में जब प्यास-सी उठती है, तो अजीब तरह की बेचैनी और छटपटाहट होने लगती है। मन चंचल होने लगता है और इसी के साथ शुरू होता है।
बहकना-भटकना। आचार्य चतुरसेन ने इसी मनोवैज्ञानिक सत्य को रोचक ढंग से हृदय की प्यास की कथा में मोती की तरह पिरोया है। यह कृति युवा मन को समझने का भी प्रयास करती है।
Imprint: Hind Pocket Books
Published: Aug/2023
ISBN: 9780143462132
Length : 112 Pages
MRP : ₹150.00