कमल कुमार ने अपनी कहानियों में चतुर्दिक बिखरे क्रूर यथार्थ, विडंबनाओं और विसंगतियों के बीच उम्मीद की लौ को भी प्रदीप्त रखा है। आज की अपसंस्कृति और अवमूल्यन के अंधेरे में मानवीय मूल्यों के प्रति विश्वास और संबद्धता की सार्थक अभिव्यक्ति की है। प्रेम, आत्मीयता, अपनत्व और मानवीय बोध को ये कहानियाँ उजागर करती हैं। ये कहानियाँ पात्रों के बहुआयामी और जटिल पक्षों को उभारती हुई उनके गहरे द्वंद्वों, तनावों, संवेदनाओं और जटिल अंतर्संबंधों को जीवंतता के साथ उद्घाटिता करती हैं। कमल के पास बहुत की समर्थ भाषा है। संकेतों, प्रतीकों, और बिंबों में कहने की कलात्मक शैली इस भाषा का विशेष आकर्षण है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2025
ISBN: 9780143473558
Length : 208 Pages
MRP : ₹250.00