‘देखिए! शादी-ब्याह के सफल और असफल रहने की गारंटी कोई नहीं दे सकता। . . . लेकिन एक दिल का लगाव जैसी भी कोई चीज होती है। कामिनी के साथ मैं दो साल तक रहा। फिर भी हम दोनों एक-दूसरे के लिए अनजान बने रहे। राधिका को मैं मुश्किल से सप्ताह भर से जानता हूँ; पर लगता है, जैसे हम दोनों जन्म-जन्मांतर से परिचित हैं। क्यों लगता है ऐसा?’
वैवाहिक समस्या का मार्मिक समाधान प्रस्तुत करने वाले प्रसिद्ध लेखक किशोर साहू का बेहद रोचक उपन्यास, जो हर किसी के दिलो-दिमाग पर अद्भुत छाप छोड़ने में सक्षम है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2024
ISBN: 9780143465409
Length : 182 Pages
MRP : ₹250.00