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Manjhali Didi Badi Didi/मंझली दीदी बड़ी दीदी

Manjhali Didi Badi Didi/मंझली दीदी बड़ी दीदी

Sharatchandra/शरतचन्द्र
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Paperback / Hardback

शरत् बाबू मस्तिष्क से अधिक हृदय को छूते हैं। ममतामयी नारी की वेदना का तो उन्होंने ऐसा हृदय-द्रावक चित्र अपनी कृतियों में प्रस्तुत किया है कि पाठक को बरबस रुलाई आ जाती है। न जाने पीड़ा से उन्हें क्यों इतना प्यार है। वे पात्रों के दुख-दर्द को पाठक के हृदय में उतार देते हैं। मंझली दीदी-बड़ी दीदी उनकी ऐसी ही मार्मिक रचना है। इस कहानी पर एक उत्कृष्ट फिल्म का निर्माण मंझली दीदी के नाम से हो चुका है। 

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Jan/2024

ISBN: 9780143465423

Length : 110 Pages

MRP : ₹199.00

Manjhali Didi Badi Didi/मंझली दीदी बड़ी दीदी

Sharatchandra/शरतचन्द्र

शरत् बाबू मस्तिष्क से अधिक हृदय को छूते हैं। ममतामयी नारी की वेदना का तो उन्होंने ऐसा हृदय-द्रावक चित्र अपनी कृतियों में प्रस्तुत किया है कि पाठक को बरबस रुलाई आ जाती है। न जाने पीड़ा से उन्हें क्यों इतना प्यार है। वे पात्रों के दुख-दर्द को पाठक के हृदय में उतार देते हैं। मंझली दीदी-बड़ी दीदी उनकी ऐसी ही मार्मिक रचना है। इस कहानी पर एक उत्कृष्ट फिल्म का निर्माण मंझली दीदी के नाम से हो चुका है। 

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Sharatchandra/शरतचन्द्र

शरत्‌चन्द्र चट्टोपाध्याय बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार एवं लघु कथाकार थे। उनकी अधिकांश कृतियों में गाँव के लोगों की जीवनशैली, उनके संघर्ष एवं उनके द्वारा झेले गए संकटों का वर्णन है। इसके अलावा उनकी रचनाओं में तत्कालीन बंगाल के सामाजिक जीवन की झलक मिलती है। शरत्‌चन्द्र भारत के सार्वकालिक सर्वाधिक लोकप्रिय तथा सर्वाधिक अनूदित लेखक हैं। 16 जनवरी 1938 ई. को कलकत्ता में 62 वर्ष की उम्र में उनका निधन हुआ। 

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