© 2020 Penguin India
विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी मुक्तिधन ‘गौ’ से जुड़ी हुई है। लाला दाऊदयाल ने एक ज़रूरतमंद मुसलमान से एक गाय खरीदी, लेकिन विधि का विधान ही ऐसा निकला कि उस मुसलमान सज्जन को बार-बार रुपयों की ज़रूरत पड़ी तो, उसने सूद पर लाला दाऊदयाल से ही हर बार पैसे लिए, लेकिन कभी चुका न पाया, लेकिन अंत में दाऊदयाल ने उस मुस्लिम सज्जन का कर्ज यह कहकर माफ कर दिया कि ‘मैं ही तुम्हारा कर्जदार हूँ, क्योंकि तुम्हारी गाय मेरे पास है और गाय ने कर्ज के धन से अधिक दूध दिया है और बछड़े नफ़े में अलग।’ यह कथा मज़बूरी का फ़ायदा न उठाने की प्रेरणा देती है।
इसी के साथ इसमें प्रेमचंद की अन्य श्रेष्ठ कहानियाँ भी दी गई हैं, जो प्रेरक भी हैं और रोचक भी।
कथा सम्राट के गौरव से विभूषित संसार के अग्रणी कथाकारों में प्रतिष्ठित प्रेमचंद की कहानियों का यह खंड संपूर्ण रूप से मूल पाठ है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Apr/2025
ISBN: 9780143474159
Length : 432 Pages
MRP : ₹299.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Apr/2025
ISBN:
Length : 432 Pages
MRP : ₹299.00
विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी मुक्तिधन ‘गौ’ से जुड़ी हुई है। लाला दाऊदयाल ने एक ज़रूरतमंद मुसलमान से एक गाय खरीदी, लेकिन विधि का विधान ही ऐसा निकला कि उस मुसलमान सज्जन को बार-बार रुपयों की ज़रूरत पड़ी तो, उसने सूद पर लाला दाऊदयाल से ही हर बार पैसे लिए, लेकिन कभी चुका न पाया, लेकिन अंत में दाऊदयाल ने उस मुस्लिम सज्जन का कर्ज यह कहकर माफ कर दिया कि ‘मैं ही तुम्हारा कर्जदार हूँ, क्योंकि तुम्हारी गाय मेरे पास है और गाय ने कर्ज के धन से अधिक दूध दिया है और बछड़े नफ़े में अलग।’ यह कथा मज़बूरी का फ़ायदा न उठाने की प्रेरणा देती है।
इसी के साथ इसमें प्रेमचंद की अन्य श्रेष्ठ कहानियाँ भी दी गई हैं, जो प्रेरक भी हैं और रोचक भी।
कथा सम्राट के गौरव से विभूषित संसार के अग्रणी कथाकारों में प्रतिष्ठित प्रेमचंद की कहानियों का यह खंड संपूर्ण रूप से मूल पाठ है।