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प्रियतम तुम जिओगी और जीती रहेगी, मेरा क्या है, मैं तो जीवन में तुम्हारी परछाई बनकर सदैव इस दुनिया में रहूँगा, भले ही मेरा नश्वर शरीर क्यों न उठ जाए, तब भी मेरे होने का अहसास तुम्हें हमेशा रहेगा।’
संसार में ऐसे बहुत से प्रसिद्ध व्यक्ति हुए, जिन्हें प्रेम हो गया और उस प्रेम की छाया में प्रेमी-प्रेमिका ने परस्पर भाव भीने, रसभीगे और बेहद अंतरंग पत्र लिखे हैं। ये पत्र उनके रिश्तों, उनके विचारों, उनकी संवेदनाओं और उनके जीवन की छोटी-बड़ी घटनाओं के दस्तावेज़ बने गए हैं। इस संग्रह में ऐसे ही अनेक प्रसिद्ध एवं चर्चित लोगों के पत्र दिए गए हैं।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: May/2025
ISBN: 9780143476306
Length : 112 Pages
MRP : ₹175.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
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Imprint: Penguin Swadesh
Published: May/2025
ISBN:
Length : 112 Pages
MRP : ₹175.00
प्रियतम तुम जिओगी और जीती रहेगी, मेरा क्या है, मैं तो जीवन में तुम्हारी परछाई बनकर सदैव इस दुनिया में रहूँगा, भले ही मेरा नश्वर शरीर क्यों न उठ जाए, तब भी मेरे होने का अहसास तुम्हें हमेशा रहेगा।’
संसार में ऐसे बहुत से प्रसिद्ध व्यक्ति हुए, जिन्हें प्रेम हो गया और उस प्रेम की छाया में प्रेमी-प्रेमिका ने परस्पर भाव भीने, रसभीगे और बेहद अंतरंग पत्र लिखे हैं। ये पत्र उनके रिश्तों, उनके विचारों, उनकी संवेदनाओं और उनके जीवन की छोटी-बड़ी घटनाओं के दस्तावेज़ बने गए हैं। इस संग्रह में ऐसे ही अनेक प्रसिद्ध एवं चर्चित लोगों के पत्र दिए गए हैं।