Publish with Us

Follow Penguin

Follow Penguinsters

Follow Penguin Swadesh

Shriramcharitmanas/श्रीरामचरितमानस

Shriramcharitmanas/श्रीरामचरितमानस

Goswami Tulsidas/गोस्वामी तुलसीदास
Select Preferred Format
Buying Options
Paperback / Hardback

श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 16वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है। इस ग्रंथ को अवधी (हिंदी साहित्य) की एक महान कृति माना जाता है। श्रीरामचरितमानस भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। रामचरितमानस की लोकप्रियता अद्वितीय है। भारत में यह ग्रंथ ’रामायण’ के रूप में बहुत से लोगों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है।
श्रीरामचरितमानस के नायक राम हैं, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दर्शाया गया है, जोकि मान्यताओं के अनुसार अखिल ब्रह्मांड के स्वामी हरि नारायण भगवान के अवतार हैं। गोस्वामी जी ने रामचरित का अनुपम शैली में दोहों, चौपाइयों, सोरठों तथा छंद का आश्रय लेकर वर्णन किया है। इसमें 12,800 पंक्तियाँ हैं, जो 1,073 दोहों और सात कांड में विभाजित हैं। श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान प्राप्त है।  

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Jan/2024

ISBN: 9780143466444

Length : 680 Pages

MRP : ₹799.00

Shriramcharitmanas/श्रीरामचरितमानस

Goswami Tulsidas/गोस्वामी तुलसीदास

श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 16वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है। इस ग्रंथ को अवधी (हिंदी साहित्य) की एक महान कृति माना जाता है। श्रीरामचरितमानस भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। रामचरितमानस की लोकप्रियता अद्वितीय है। भारत में यह ग्रंथ ’रामायण’ के रूप में बहुत से लोगों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है।
श्रीरामचरितमानस के नायक राम हैं, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दर्शाया गया है, जोकि मान्यताओं के अनुसार अखिल ब्रह्मांड के स्वामी हरि नारायण भगवान के अवतार हैं। गोस्वामी जी ने रामचरित का अनुपम शैली में दोहों, चौपाइयों, सोरठों तथा छंद का आश्रय लेकर वर्णन किया है। इसमें 12,800 पंक्तियाँ हैं, जो 1,073 दोहों और सात कांड में विभाजित हैं। श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान प्राप्त है।  

Buying Options
Paperback / Hardback

Goswami Tulsidas/गोस्वामी तुलसीदास

गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य के महान संत कवि थे। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।
तुलसीदास भक्तिकाल की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि, भक्त तथा समाज सुधारक तीनों रूपों में मान्य हैं। 

More By The Author

Sunderkand (Illustration)/सुन्दरकाण्ड (Gift Edition)

Sunderkand (Illustration)/सुन्दरकाण्ड (Gift Edition)

Goswami Tulsidas/गोस्वामी तुलसीदास
error: Content is protected !!