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Tulsidas/तुलसीदास

Tulsidas/तुलसीदास

Parichay Evam Rachnaen/परिचय एवं रचनाएँ

Ed. Sudarshan Chopra/सं. सुदर्शन चोपड़ा
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Paperback / Hardback

परहित बस जिन्ह के मन माहीं। तिन्ह कहुं जग दुर्लभ कछु नाहीं।। (जिनके मन में सदा दूसरों की भलाई का विचार रहता है, उन्हें संसार में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं होती है।) ‘रामचरित’ के अमर गायक महाकवि तुलसीदास चार शताब्दियों से भारतीय जनमानस में श्रद्धा-पुरुष की तरह विराजते रहे और आगे भी युग-युगों तक गोस्वामी जी और उनकी रचनाएँ चिरस्मरणीय रहेंगी। यह पुस्तक हिन्दी के उन्हीं भक्त कवि गोस्वामी तुलसीदास के जीवन-परिचय, लोकप्रिय दोहों-चौपाइयों तथा अन्य काव्य-महिमा को अपने में समेटे हुए है। इस संकलन का संपादन प्रसिद्ध लेखक सुदर्शन चोपड़ा ने किया है तथा काव्य-खंड का चयन और टीका तुलसी-साहित्य के मर्मज्ञ पीएस भाकुनी ने की है। 

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Aug/2024

ISBN: 9780143470762

Length : 154 Pages

MRP : ₹175.00

Tulsidas/तुलसीदास

Parichay Evam Rachnaen/परिचय एवं रचनाएँ

Ed. Sudarshan Chopra/सं. सुदर्शन चोपड़ा

परहित बस जिन्ह के मन माहीं। तिन्ह कहुं जग दुर्लभ कछु नाहीं।। (जिनके मन में सदा दूसरों की भलाई का विचार रहता है, उन्हें संसार में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं होती है।) ‘रामचरित’ के अमर गायक महाकवि तुलसीदास चार शताब्दियों से भारतीय जनमानस में श्रद्धा-पुरुष की तरह विराजते रहे और आगे भी युग-युगों तक गोस्वामी जी और उनकी रचनाएँ चिरस्मरणीय रहेंगी। यह पुस्तक हिन्दी के उन्हीं भक्त कवि गोस्वामी तुलसीदास के जीवन-परिचय, लोकप्रिय दोहों-चौपाइयों तथा अन्य काव्य-महिमा को अपने में समेटे हुए है। इस संकलन का संपादन प्रसिद्ध लेखक सुदर्शन चोपड़ा ने किया है तथा काव्य-खंड का चयन और टीका तुलसी-साहित्य के मर्मज्ञ पीएस भाकुनी ने की है। 

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