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राजशाही युग की अंतिम ऐतिहासिक यादें दी गई हैं इस पुस्तक में। बहुमुखी प्रतिभा से सम्पन्न आचार्य चतुरसेन शास्त्री की प्रमुख विशेषता यह है कि वह स्वस्थ मनोरंजन के साथ-साथ समाज का निर्भीक चित्रण करने में कभी नहीं हिचकिचाए। उदयास्त आपके इन्हीं गुणों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसमें देसी राजाओं के उन्मत्त भोग-विलास, अन्याय-अत्याचार, झूठे आडंबर, अजीबोगरीब शौकों और बेतुकी सनकों का बड़ा ही सजीव चित्रण किया गया है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2024
ISBN: 9780143465454
Length : 190 Pages
MRP : ₹199.00
Imprint: Audiobook
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2024
ISBN:
Length : 190 Pages
MRP : ₹199.00
राजशाही युग की अंतिम ऐतिहासिक यादें दी गई हैं इस पुस्तक में। बहुमुखी प्रतिभा से सम्पन्न आचार्य चतुरसेन शास्त्री की प्रमुख विशेषता यह है कि वह स्वस्थ मनोरंजन के साथ-साथ समाज का निर्भीक चित्रण करने में कभी नहीं हिचकिचाए। उदयास्त आपके इन्हीं गुणों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसमें देसी राजाओं के उन्मत्त भोग-विलास, अन्याय-अत्याचार, झूठे आडंबर, अजीबोगरीब शौकों और बेतुकी सनकों का बड़ा ही सजीव चित्रण किया गया है।
आचार्य चतुरसेन शास्त्री हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। इनकी प्रमुख कृतियां गोली, सोमनाथ, वयं रक्षामः और वैशाली की नगरवधू इत्यादि हैं। आभा इनकी पहली रचना थी। इनके अतिरिक्त शास्त्रीजी ने प्रौढ़ शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म, इतिहास, संस्कृति और नैतिक शिक्षा पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं।