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नमिता गोखले ग्यारह फ़िक्शन समेत इक्कीस किताबों का लेखन और कई संकलनों का सम्पादन कर चुकी हैं। उनका लिखा पहला-पहल उपन्यास 1984 में प्रकाशित हुआ और ख़ासा सराहा गया था। उनकी लिखी घटोत्कच के मायाजाल में बच्चों और बड़ों के बीच समान रूप से लोकप्रिय रही है। गोखले जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल की को-फ़ाउंडर और को-डायरेक्टर हैं। लेखन के साथ ही बहुभाषी भारतीय साहित्य और अन्तर-सांस्कृतिक साहित्यिक संवाद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें जाना जाता है। उन्हें 2017 में साहित्य के लिए प्रतिष्ठित प्रथम शताब्दी राष्ट्रीय पुरस्कार (सेंटेनरी नेशनल अवॉर्ड) मिला, और वो 2021 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता रहीं। हाल ही में उन्हें नीलिमारानी साहित्य सम्मान 2023 से भी सम्मानित किया गया।