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योगी, रहस्यवादी और युगद्रष्टा सद्गुरु एक अलग तरह के आध्यात्मिक गुरु हैं। बोध कि पूर्ण स्पष्टता उन्हें आध्यात्मिक संदर्भों में ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक, पर्यावरण और अंतरराष्ट्रीय मामलों में भी एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती है। उनकी विदेशी मामलों की गहरी समझ और मानव-कल्याण के प्रति नितांत वैज्ञानिक दृष्टिकोण का वर्ल्ड बैंक, हाउस ऑफ लॉर्ड्स (यूके), वर्ल्ड प्रेजिडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, लंडन बिजनेस स्कूल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी संस्थाओं पर रूपांतरकारी प्रभाव रहा है। सद्गुरु पिछले तीन दशकों से व्यक्ति और विश्व की भलाई के प्रति समर्पित एक नॉन-प्रॉफिट संगठन ईशा फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं।